
कहते हैं की मुहब्बत में बड़ी ताक़त होती है , मुहब्बत क्या न करा दे, पिछले दिनों ऐसे ही इक जनाब से मुलाकात हों गयी। नयी ज़िन्दगी के कुछ नए तजुर्बे, मुहब्बत की शक्ल में नमूदार कर दिए। आज ऐसी ही इक नयी कलम से आपका तारुफ़ करा रहा हूँ। हाई इस्कूल में अध्यनरत छोटी सी उम्र और उम्र से बड़े अल्फाज़ लिए वो हमारे बीच में, आईये लुत्फ़ लें नज़्म का-
रो रहा है ये दिल, आज तुमको रुला के
कैसे चुप करूँ आज, तुमको मना के
शायद ये ज़िन्दगी, भरी है गलतियों से आज
तुम भी मान जाओ हमें अपना बना के
इस दिल की तमन्ना सुन सको
तो सुन लो
ये ज़िन्दगी है तुम्हारी
बस इतना समझ लो
हमने भी गलतियाँ की हैं इक इंसान की तरह
तुम भी हमें माफ़ कर दो भगवान की तरह
ये दोस्त खड़ा है
तुम्हें अपना बनाने को
तुम भी पास आ जाओ इसे गले लगाने को
अब लौट आओ - लौट आओ
फिर इस ज़िन्दगी में
इक नयी दोस्ती की शुरुआत करते हैं
तुम मुझे याद करो
हम तुम्हें याद करते हैं.........
- अभिषेक जायसवाल