नया नहीं बन पाया तो सम्बन्ध पुराना बना रहे,
आखिर जीने की खातिर कोई बहाना बना रहे,
सच कहती हूँ कभी नहीं मैं तुमसे कुछ भी चाहूँगी,
बस बेगानी बस्ती में इक ठौर ठिकाना बना रहे.
सहन कभी क्या कर पायेगी मेरे दिल की आहट यह,
तुम बेगाने हो जाओ, गुलशन गुलज़ार ये बना रहे.
सुबह देर से आँखें खोलीं मैंने केवल इसीलिए,
बहुत देर तक इन आँखों में, इक ख्वाब सुहाना बना रहे.
'बीती ख़ुशी'
आखिर जीने की खातिर कोई बहाना बना रहे,
सच कहती हूँ कभी नहीं मैं तुमसे कुछ भी चाहूँगी,
बस बेगानी बस्ती में इक ठौर ठिकाना बना रहे.
सहन कभी क्या कर पायेगी मेरे दिल की आहट यह,
तुम बेगाने हो जाओ, गुलशन गुलज़ार ये बना रहे.
सुबह देर से आँखें खोलीं मैंने केवल इसीलिए,
बहुत देर तक इन आँखों में, इक ख्वाब सुहाना बना रहे.
'बीती ख़ुशी'