दर्द से हाथ न मिलाते तो क्या करते,
गम के आँसू न बहाते तो क्या करते,
किसी ने माँगी थी हमसे रोशनी,
हम खुद को न जलाते तो क्या करते ? ?
मेरे दिल के ज़ख्म अब आह नही भरते,
क्योंकि वो अब इस दिल में रहा नही करते,
हमने आँसू से उनको विदाई दी है
इन आँखों में अब अश्क रहा नही करते! ! !
तुझे आँसू भरी वो दुआ मिले
जिसे कभी न इन्कार ख़ुदा करे,
तुझे हसरत न रहे कभी जन्नत की
तेरे आंगन में मोहब्बतों की ऐसी हवा चले…
चले गये हो दूर कुछ पल के लिये,
दूर रहकर भी करीब हो हर पल के लिये,
कैसे याद न आए आपकी एक पल के लिये,
जब दिल में हो आप हर पल के लिये…
- गार्गी गुप्ता
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