आज ग़ज़ल, नज़्म और बड़ी बड़ी बहसों जो समाज से सम्बन्ध रखती हैं , इन सब बड़ी- बड़ी बातों के दरमियाँ कोई बाल साहित्य के बारे में भी सोचे तो वाकई बड़ी अच्छी और सुंदर पहल है, आज हम अपने पाठकों को ऐसी ही एक रचना सौंप रहे हैं आपका ध्यान अपेक्षित है-
ऐ नन्हे मुन्ने बच्चो,
तुम धरती के गहने हो
तुम जग की सुन्दरता हो,
तुम मन की कोमलता हो
तुम में गाँधी- गौतम हैं,
तुम में अल्लाह ईश्वर है
तुम अपने मन में झांको,
अपनी शक्ति पहचानो
कर्त्तव्य से मुंह न मोडो,
दुश्मन को पीछे छोडो
मन मानस में बस जाओ,
अपनी पहचान बनाओ
जीवन हो सफल तुम्हारा,
है यह आशीष हमारा
- शगुफ्ता परवीन अंसारी
महत्वपूर्ण सूचना- इस मंच पर आने के लिए बहुत बहुत शुक्रिया, बस जाने से पहले एक गुजारिश है साहब की- 'कुछ तो कहते जाइये जो याद आप हमको भी रहें, अच्छा नहीं तो बुरा सही पर कुछ तो लिखते जाइये। (टिप्पणी)
ऐ नन्हे मुन्ने बच्चो,
तुम धरती के गहने हो
तुम जग की सुन्दरता हो,
तुम मन की कोमलता हो
तुम में गाँधी- गौतम हैं,
तुम में अल्लाह ईश्वर है
तुम अपने मन में झांको,
अपनी शक्ति पहचानो
कर्त्तव्य से मुंह न मोडो,
दुश्मन को पीछे छोडो
मन मानस में बस जाओ,
अपनी पहचान बनाओ
जीवन हो सफल तुम्हारा,
है यह आशीष हमारा
- शगुफ्ता परवीन अंसारी
महत्वपूर्ण सूचना- इस मंच पर आने के लिए बहुत बहुत शुक्रिया, बस जाने से पहले एक गुजारिश है साहब की- 'कुछ तो कहते जाइये जो याद आप हमको भी रहें, अच्छा नहीं तो बुरा सही पर कुछ तो लिखते जाइये। (टिप्पणी)
तुम में गाँधी- गौतम हैं,
ReplyDeleteतुम में अल्लाह ईश्वर है
तुम अपने मन में झांको,
अपनी शक्ति पहचानो
भावनात्मक बाल कविता और सरहनीय प्रयास आभार
regards
बहुत अच्छी कविता है
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Tech Prevue: तकनीक दृष्टा
this poem is composed by my mother,shagufta parveen.i say thanks to those who all read this poem.my mother is a good poet,singer and artist in my view.i keep sending the beautiful poems for blog visiters and for takneesh and seema gupta.
ReplyDeleteGood Poem. I would suggest you to read Quraan and try to compose poems like Allama Iqbal.
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