उन्हें डर नहीं की मर जायेंगे हम.....
वो डरते हैं कि कहीं जी ना लूँ मैं ज़िन्दगी....
ज़िन्दगी के लिए...
गिनते रहते हैं वो सांसों को भी हमारी....
कि कहीं ज्यादा न हो जाये वो.... ज़िन्दगी के लिए....
रोक तो लेती हूँ मैं दिल में उठते अरमानों को...
पर कैसे रोकूँ मैं धड़कन की आवाज़ को...
जुबाँ तो चुप है... खामोश हैं अब आँखें भी...
पर कैसे रोकूँ.... फिजाओं की तरन्नुम को...
बंद खिड़कियों से रुक तो जाती है... रौशनी
पर कैसे रोकूँ दरारों से आती... किरणों को..
जब भी उड़ने की... की कोशिश मैंने कभी...
रोका है तुमने हवाओं को...
काश तुम अँधेरे के अलावा...
कुछ... कोई और हक भी दे पाते दिन के लिए भी...
जो पढ़ लेते तुम मेरे मन के शब्दकोष...
तो यूँ ना ढूँढती मैं थोड़ी सी ज़िन्दगी......
ज़िन्दगी के लिए.....
- प्रिया - प्रिया, यूं. एस. ए.
वो डरते हैं कि कहीं जी ना लूँ मैं ज़िन्दगी....
ज़िन्दगी के लिए...
गिनते रहते हैं वो सांसों को भी हमारी....
कि कहीं ज्यादा न हो जाये वो.... ज़िन्दगी के लिए....
रोक तो लेती हूँ मैं दिल में उठते अरमानों को...
पर कैसे रोकूँ मैं धड़कन की आवाज़ को...
जुबाँ तो चुप है... खामोश हैं अब आँखें भी...
पर कैसे रोकूँ.... फिजाओं की तरन्नुम को...
बंद खिड़कियों से रुक तो जाती है... रौशनी
पर कैसे रोकूँ दरारों से आती... किरणों को..
जब भी उड़ने की... की कोशिश मैंने कभी...
रोका है तुमने हवाओं को...
काश तुम अँधेरे के अलावा...
कुछ... कोई और हक भी दे पाते दिन के लिए भी...
जो पढ़ लेते तुम मेरे मन के शब्दकोष...
तो यूँ ना ढूँढती मैं थोड़ी सी ज़िन्दगी......
ज़िन्दगी के लिए.....
- प्रिया - प्रिया, यूं. एस. ए.
जुबाँ तो चुप है... खामोश हैं अब आँखें भी...
ReplyDeleteपर कैसे रोकूँ.... फिजाओं की तरन्नुम को...
बंद खिड़कियों से रुक तो जाती है... रौशनी
पर कैसे रोकूँ दरारों से आती... किरणों को..
roshani ka anaa hi jeevan ka chakar kahlata hai...kabhi chhav to kabhi roshani ki ek kiran jeene ki umeed jagati hun lagti hai.
acha pryas hai apka...
sakhi
invisible bandhanon me bandhi nari ki chhatpatahat ka ek anootha presentation.
ReplyDeleteheartly congratulations on ur first kriti of life
Priya-Priya ji
bhut khoob !
ReplyDeletesundar prastuti ...
ReplyDeleteachchhee kavita ...
Ek salah dena chahta hoon ...
ReplyDelete"Zindagi ke liye" ki jagah "Jeene ke liye" likh deti to jyada promosing lagta ...
zindagi jeena aur jeena 2 alag alag batein hai....
ReplyDeleteTheek hai Jee ...
ReplyDeleteAapki Marzi ...