Tuesday, April 6, 2010

तेरी आहट से कटती है

कहते हैं कि एक शायर किसी एक के लिए लिखना शुरू करता है। और वक़्त के साथ , संग अपने पूरी दुनिया को शरीक कर लेता है , आज एक शुरूआती दौर कि कवियत्री से रूबरू करा रहा हूँ।

तुम कुछ इस तरह से मेरी ज़िन्दगी में आये
कि हर शाम इक सुबह लगती है
हर आग शमा लगती है
मेरी दुनिया में कुछ यूँ छाये
कि ज़िन्दगी तेरे ही नाम कि लगती है
बस अब मत जाना यहाँ से
क्योंकि
मेरी हर रात तेरी आहट से कटती है...

- शिखा वर्मा "परी"


5 comments:

  1. swagat hai aapka is naye pariwar men , hamesha ki tarah ek kavi ki shuruaat .... inhin lafzon se milti julti hoti hai..

    mubarak ho.

    shaahid "ajnabi"

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  2. Achchha hai.. likhti rahiye qalam ki talwaar ki dhar tez hogi

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  3. मेरी दुनिया में कुछ यूँ छाये
    कि ज़िन्दगी तेरे ही नाम कि लगती है

    waqay me bahut sundar


    shekhar kumawat

    http://kavyawani.blogspot.com/

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  4. सुन्दर परिचय और खूबसूरत रचना..बधाई.

    _________________________
    'पाखी की दुनिया' में जरुर देखें-'पाखी की हैवलॉक द्वीप यात्रा' और हाँ आपके कमेंट के बिना तो मेरी यात्रा अधूरी ही कही जाएगी !!

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