Tuesday, November 1, 2016

गिरीश पंकज - जन्मदिन पर आदरांजली


गिरीश पंकज से मिलना आैर गिरीश पंकज काे पढ़ना ये दाे अलग अलग बात नही है, जैसा निर्मल इनका लेखन है उतना ही स्वच्छ इनका व्यक्तित्व है | जिस स्वरूप का, जिस संबंध का, जिस तेवर का, जिस शैली का, जिस काैशल का, जिस विचारात्मकता का लेखन गिरीश पंकज कर रहे हैं उसे पढना शाैक की सीमा से निकल कर आवश्यक आवश्यकता की हद मे शुमार हाे गया है | गिरीश पंकज काे पढ़ना स्वयं काे अपड़ेट करना है | गिरीश निरंतर लिखने वाले लेखक है, इनके पास व्यापकता आैर विविधता की असीमितता है | मंटाे, राही मासूम रज़ा, परसाई की तरह गिरीश भी सिर्फ इसलिसे नही लिखते क्याेकि वे लेखक है बल्कि इसलिये लिखते है कि इस तरह का लेखन समाज के प्रति उनकी नैतिक ज़िम्मेदारी है | गिरीश जी पञकार है, व्यंग्यकार है, गीतकार है, उपन्यासकार है, समीक्षक है, आलोचक है, कवि है, सम्पादक है...... इनका लेखन क्षेञ विविध है, विस्तृत है, किसी एक विधा का रचनाकार कहना इन्हें कम कर के आंकना हाेगा | यह समय गिरीश पंकज के मूल्यांकन करने का सही समय है ,उनसठ वर्ष की आयु मे प्रकाशित पुस्तकों की संख्या पचास हाेना आैर इसके अतिरिक्त फुटकर लेखन की संख्या तीन अंकाे मे हाेना आैर समूचा लेखन सुधारवादी हाेना, जनवादी हाेना, समाज , घर्म ,राजनीति, प्रशासन आैर बाजार मे फैल चुकी गंदगी काे साफ़ करना, खराबियाे की खबर लेना, आम आदमी के पक्ष मे खड़े हाे जाने वाला लेखन है | माैजूदा हालात की पड़ताल करता लेखन केवल अवरोध पैदा करने वाला लेखन नही है वरन ऩई राह तलाशने वाला लेखन है | गिरीश पंकज का लिखा बाजार मे बिकता ज़रूर है लेकिन ये बिक कर नही लिखते , लिखना इनका मिशन है उघाेग नही |
गिरीश जी के लेखन मे क्रोध भी कलात्मकता के साथ है. नाराज़गी भी लय मे है, चीख भी सुर मे है, विरोध मे भी पूरी शालीनता समाहित है , लेखन मे तन्मयता है | इनके व्यंग्य मे विस्फोट है लेकिन अनुशासित शब्दावली के साथ , विचाराे की अभिव्यक्ति प्रभावशाली रूप मे है लेकिन संयम के साथ | गिरीश पंकज के लेखन मे माैकापरस्त और फिरकापरस्त लाेगाे काे ललकार है ताे अच्छे लाेगाे का सत्कार और पारखी लाेगाे के लिये चमत्कार भी है |अदभुद कलम है इनकी जिससे नाराज़गी भी मुस्कान के साथ ज़ाहिर हाेती है | इस बात की खाेज की जानी चाहिये कि गिरीश लिखने के पहले कलम काे किस चाशनी मे ड़ुबाेते है ?
गिरीश पंकज का समूचा लेखन विकृतियाे के खिलाफ आम आदमी के पक्ष मे लिखा गया दस्तावेज है |
अखतर अली
आमानाका
कांच गोदाम के पास,
रायपुर ( छत्तीसगढ़ ) 492001
माे. न. 9826126781

2 comments: