Sunday, June 19, 2016

'' अब्बा होना हंसी खेल नहीं है ''

अब्बा ,
आज इतने सालो के बाद 
आपके अब्बापन के बारे में सोचता हूँ तो 
दांतों तले ऊँगली दबा लेता हूँ /
वाकई अब्बा होना 
हंसी खेल नहीं है /
आपने सफल अब्बा होने के 
कितने बार सबूत दिये /
अब्बा की भूमिका में आपने 
कितनी भिन्नताये पेश की /
आपकी सशक्त भूमिका की बदौलत 
हमारी जिंदगी की फिल्म 
हिट हो गई /


अब्बा ,
दुनियां में बहुत से कठिन काम है 
उसमे सबसे कठिन है 
अब्बा होना /
अब्बा ,
जीवन के रंगमंच पर 
अब्बा की कठिन भुमिका 
इतने सफलता पूर्वक निभा कर 
आप चले गये 
और किसी ने ताली भी नहीं 
बजाई । --------------- 


अखतर अली 

आमानाका ,
रायपुर मोबाईल - +919826126781

2 comments:

  1. आपकी इस पोस्ट को आज की बुलेटिन 'पिता 'पॉवर' है - फादर्स डे पर विशेष ब्लॉग बुलेटिन में शामिल किया गया है.... आपके सादर संज्ञान की प्रतीक्षा रहेगी..... आभार...

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  2. आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल मंगलवार (21-06-2016) को "योग भगाए रोग" (चर्चा अंक-2380)) पर भी होगी।
    --
    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
    --
    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
    --
    अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस की
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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